'बलवा' एवं 'दंगा' क्या है ?-Riot & Affray
What is Riot & Affray |
| |What is Riot & Affray ?]
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की सेक्शन 146 में बलवा तथा सेक्शन 159 में दंगाके बारे में प्रावधान किया गया है।
बलवा कि परिभाषा-
सेक्शन 146 के अनुसार-“जब कभी विधि विरुद्ध जमाव द्वारा या उसके किसी
सदस्य द्वारा ऐसे जमाव के सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में बल या हिंसा का प्रयोग किया
जाता है, तब ऐसे जमाव का हर सदस्य बलवा करने के अपराध का दोषी होगा।'' इस प्रकार
विधि विरुद्ध जमाव के सदस्यों द्वारा एक सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में बल या हिंसा
का प्रयोग करना बलवा (Riot) है।
What is Riot & Affray |
दंगा
सेक्शन 159 के अनुसार-“जबकि दो या अधिक व्यक्ति लोक स्थान में लड़करलोक शान्ति में बाधा(विध्न) डालते हैं, तब यह कहा जाता है कि वे दंगा करते हैं।
उस प्रकार दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा लोक स्थान में लड़कर लोक शान्ति मे विध्न या बाधा
उत्पन्न करना (Affirav) है। उस परिभाषा के अनुसार दंगे में दो तरफा लड़ाई का होना आवश्यक है।
एक पक्ष के आक्रामक और दूसरे पक्ष के निष्क्रिय होने पर दंगा नहीं
हो सकता।
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