द्विविवाह से क्या होता है और जानिए इस के बारे में किस कानून के अंतर्गत किस धारा में प्रावधान किया गया है
What is mean by Bigamy-
दो बार विवाह के बारे में प्रावधान
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की सेक्शन 494 में द्विविवाह को परिभाषित किया गया है।इसके अनुसार-''द्विविवाह से तात्पर्य है किसी पति या पत्नी के जीवित होते हुए ऐसी दशा में विवाह करना जो शून्य विवाह की परिधि में आता है।''
| आसान शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि एक पति या पत्नी के जीवित रहते, उससे विवाह-विच्छेद किये बिना दूसरे पुरुष या स्त्री से विवाह कर लेना द्विविवाह (Bigamy) है।।
इस विषय में एक महत्वपूर्ण वाद--- #‘लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया' (ए.आई.आर. 2000, एस.सी.1650 -
में यह अभिनिर्धारित किया गया है कि प्रथम विवाह का न्यायालय से विधिवत विघटन( विच्छेद) हुए बिना दूसरा विवाह कर लेना द्विविवाह के अपराध की श्रेणी में आता है और इस विषय में यह भी एक मामले में कहा गया की विवाह-विच्छेद की डिक्री पारित होने के पश्चात् तथा अपील में उसके उलट दिये जाने के बीच अभियुक्त द्वारा दूसरा विवाह किया जाता है तो उसे इस विषय में द्विविवाह के अपराध का दोषी नहीं माना जायेगा। और इस निर्णय से संबंधित वाद है-----# कानन बनाम सेल्वा
मुथुकणि, ए.आई.आर. 2012 एस.सी. 1217#
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