जानिए कौनसी संतान भी अपने पिता की संपत्ति में उत्तराधिकार पाने के लिए योग्य और हकदार होगी !
माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने एक निर्णय में कहा कि एक हिंदू महिला की एक मुस्लिम पुरुष से शादी नियमित है या नहीं वह वैधानिक है या नहीं यह विचार का बिंदु हो सकता है ।
परंतु इस तरह से बनने वाले वैवाहिक संबंधों में उत्पन्न संतान जायज होगी और वह संतान अपने पिता की संपत्ति में उत्तराधिकार पाने के लिए योग्य और हकदार होगी ।
माननीय न्यायधीश जस्टिस एन वी रमन और जस्टिस एम एम शांतनगौदर की बेंच ने अपने निर्णय में हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें कोर्ट ने अपने निर्णय में यह कहा था कि दंपति मोहम्मद इलियास व वल्लीअम्मा का पुत्र जायज है और संविधान के मुताबिक पिता की संपत्ति में अपना अधिकार व हिस्सा पाने का हकदार है
-हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध अपील को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में यह प्रतिपादित किया कि मुस्लिम पुरुष के साथ हिंदू महिला का विवाह सामान्य तौर पर नहीं देखा जाता है परंतु अगर इस प्रकार की शादी से कोई संतान उत्पन्न होती है तो वह निश्चित तौर पर पिता की संपत्ति में हकदार होगा।
इस वाद की जानकारी उपलब्ध तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत है इसमें त्रुटि हो सकती है अतः प्रमाणित और सही जानकारी के लिए सुप्रीम कोर्ट के प्रमाणित वाद का ही अनुसरण करें और उसे ही प्रमाणित और पूर्ण रूप से सत्य माने ।
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